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उत्तर प्रदेश पर्यटन ने बुसान इंटरनेशनल बौद्धिज़्म एक्सपो 2025 में शानदार उपस्थिति दर्ज कराई

लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर्यटन ने 7 से 10 अगस्त तक दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में आयोजित *बुसान इंटरनेशनल बौद्धिज़्म एक्सपो 2025* में भाग लेकर एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यह राज्य बौद्ध धर्म के तीर्थस्थलों का आध्यात्मिक केंद्र और सांस्कृतिक पर्यटन का वैश्विक आकर्षण है।

चार दिन तक चले इस आयोजन में एशिया के विभिन्न देशों से आए बौद्ध भिक्षु, सांस्कृतिक नेता और ट्रैवल इंडस्ट्री के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर ने भारत और कोरिया के बीच आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत किया और पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर खोले।

एक्सपो का उद्घाटन भारतीय दूतावास, सियोल में प्रथम सचिव और हेड ऑफ चांसरी, अन्नया अग्रवाल (IFS-2013) और उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रतिनिधि ने किया। उनके साथ कोरियाई बौद्ध धर्म के जोग्ये ऑर्डर के अध्यक्ष जिनवू सुनीम और कई प्रमुख मंदिरों के अभाधिपति भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह ने भारत और कोरिया के बीच सदियों पुराने बौद्धिक और सांस्कृतिक रिश्तों की गहराई को दर्शाया।

पूरे एक्सपो के दौरान उत्तर प्रदेश पर्यटन ने सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा और कपिलवस्तु (पिपरहवा) जैसे अपने विश्वप्रसिद्ध बौद्ध स्थलों की झलक प्रस्तुत की। पवेलियन में सांस्कृतिक प्रदर्शन, कहानी कहने की कला और "बुद्धा राइस" जैसी प्रतीकात्मक भेंटों ने आगंतुकों का ध्यान खींचा।

राज्य सरकार ने इन अवसरों पर अपने तीर्थस्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी, आधुनिक सुविधाओं और यात्रा अनुभव को सहज व आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने के प्रयासों को भी प्रस्तुत किया। इन प्रयासों ने कोरियाई बौद्ध नेताओं और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों को प्रभावित किया, जिनमें से कई ने उत्तर प्रदेश के बौद्ध सर्किट पर समूह यात्राएँ लाने की इच्छा जताई।

एक महत्वपूर्ण चर्चा उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रतिनिधि और जोग्ये ऑर्डर के ले बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग वोनजू के बीच हुई, जिसमें भारत में तीर्थयात्रा को बढ़ावा देने में जोग्ये ऑर्डर की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही, अयोध्या भी चर्चाओं का केंद्र रही, जहां कोरियाई प्रतिनिधियों ने रानी हियो ह्वांग-ओक (राजकुमारी सुरिरत्ना) की ऐतिहासिक कथा के कारण विशेष रुचि दिखाई।

इन चर्चाओं का सीधा परिणाम यह हुआ कि अक्टूबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच एक हज़ार से अधिक कोरियाई पर्यटक उत्तर प्रदेश के बौद्ध सर्किट की यात्रा करेंगे। इनमें से 22 से 27 जनवरी 2026 के बीच 500 सदस्यों का एक बड़ा दल आएगा, जबकि शेष छोटे समूह अगले महीनों में आएंगे।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, *"उत्तर प्रदेश केवल अपने पर्यटन स्थलों का प्रचार नहीं कर रहा, बल्कि विश्वास, संस्कृति और दोस्ती के ऐसे पुल बना रहा है जो पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।"

वहीं, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मिश्र ने कहा, *"बुसान एक्सपो ने उत्तर प्रदेश की भूमिका को बौद्ध आध्यात्मिकता के वैश्विक केंद्र के रूप में और मजबूत किया है, और यहाँ बने रिश्ते आने वाले समय में अधिक से अधिक पर्यटकों को शांति, करुणा और ज्ञान का अनुभव कराने लाएँगे।"*

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